Biology in Hindi Meaning बायोलॉजी के महत्वपूर्ण प्रश्न प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं ऐसे अभ्यर्थी जो जीव विज्ञान विषय की तैयारी कर रहे हैं Biology in Hindi PDF ऐसे अभ्यर्थियों के लिए हमारे इस पोस्ट में जीव विज्ञान से संबंधित महत्वपूर्ण प्रश्न उत्तर की जानकारी दी जा रही है यह प्रश्न उत्तर संघ लोक सेवा आयोग परीक्षा, रेलवे परीक्षा ,कर्मचारी चयन आयोग, व्यापम परीक्षा ,पटवारी परीक्षा ,इत्यादि प्रतियोगी परीक्षाओं में पूछे जाते हैं बायोलॉजी किसे कहते हैं इसलिए यह प्रश्न उत्तर बहुत ही महत्वपूर्ण है।

संपूर्ण भारत में ऐसे उम्मीदवार जो नौकरी की तलाश कर रहे हैं Biology GK in Hindi उनके लिए हिंदी ,अंग्रेजी, व्याकरण ,गणित ,रिजनिंग, एवं इतिहास की जानकारी के अलावा बायोलॉजी विषय में जीके से संबंधित अध्ययन करना भी जरूरी होता है बायोलॉजी इन हिंदी मध्यम 12th इसी बात को ध्यान में रखते हुए हमने बायोलॉजी के लिए विशेष रूप से हमारे विशेषज्ञों द्वारा तैयार बायोलॉजी प्रश्न उत्तर की एक श्रेणी तैयार की हुई है बायोलॉजी शब्द किसने दिया जिनके जानकारी नीचे विस्तार से दी हुई है इन बायोलॉजी प्रश्नों का आंसर विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में एवं सरकारी नौकरियों के लिए समय-समय पर पूछे जाते हैं।
जीव विज्ञान क्या है?
बायोलॉजी क्या है और इसका क्या अर्थ है?
जीवों के अध्ययन को सन् 1802 मैं पहले फ्रांसीसी वैज्ञानिक लैमार्क ने तथा बाद में जर्मन विज्ञानिक ट्रेविरैनस ने जीव विज्ञान (Life science or biology) का नाम दिया।अध्ययन की सुविधा हेतु जीव विज्ञान को दो प्रमुख शाखाओं में विभक्त किया जाता है-
(क ) वनस्पति विज्ञान :-पौधों से संबंधित सभी प्रकार का अध्ययन वनस्पति विज्ञान के अन्तर्गत किया जाता है। पौधों की वाह्य एवं आन्तरिक अकारिकी का अध्ययन, पौधों में श्वसन क्रिया, जल अवशोषण क्रिया, गति, प्रकाश संश्लेषण क्रिया द्वारा भोजन का निर्माण एवं उसका स्थानान्तरण, प्रजनन, विकास, जीवन चक्र, वातावरणीय अनुकूलन, पौधों की आनुवंशिकी, पादप प्रजनन विज्ञान, पौधों में उत्पन्न होने वाले रोग एवं उनके उपचारों का अध्ययन पौधों का भौगोलिक वितरण आदि का अध्ययन वनस्पति विज्ञान के अन्तर्गत किया जाता है।
पौधों एवं जन्तुओं में निम्न आधारों पर अन्तर किया जा सकता है-जैसे पादपों में कोशिकाभित्ति पायी जाती है जबकि जन्तुओं में नहीं। पादपों में पर्णहरित पाया जाता है जबकि जन्तुओं में नहीं। हरे पौधे अपना भोजन प्रकाश-संश्लेषण की क्रिया द्वारा बनाते हैं जबकि जन्तु अपने भोजन के लिए पौधों पर निर्भर रहते हैं। जन्तु कोशिकाओं में लाइसोसोम्स पाया जाता है, जबकि पादप कोशिकाओं में ऐसा बहुत कम देखने को मिलता है। पादप कोशिका में रसधानी पायी जाती है जबकि जन्तु कोशिका में ऐसा नहीं होता है। इसके अलावा, सेण्ट्रोसोम, उत्सर्जन तन्त्र, कोशिका-विभाजन गति, खनिजों का अवशोषण तथा वृद्धि को लेकर अन्तर किया जाता है।
समस्त जीव धारियों को व्हिटेकर (R.H Whittaker) ने निम्नलिखित 5 जगतों में विभाजित किया है-
(1) मोनेरा :- जीवधारी एककोशीय, प्रोकैरियोटिक कोशिका वाले होते हैं। जैसे जीवाणु, सायनो बैक्टीरिया आदि।
(2) प्रोटिस्टा :– पूर्ण विकसित केन्द्रक पाया जाता है। ये भी एक कोशीय होते हैं। जैसे अमीबा, यूग्लीना आदि।
(3) कवक :- इस जगत के सदस्य बहुकोशीय परपोषीय होते हैं। इसमें प्रकाश संश्लेषण नहीं होता है। ये यूकेरियोटिक होते हैं, जैसे राइजोपस, स्लाइम, मोल्ड, यीस्ट आदि।
(4) प्लान्टी :- बहुकोशीय जीवधारी जिनकी कोशिकाओं के चारों ओर सेलुलोस की कोशिका भित्ति होती है तथा कोशिकाओं में रिक्तिका पायी जाती है। ये स्वपोषी होते हैं, जैसे हरे शैवाल, मास, फर्न, बीज वाले पौधे आदि।
(5) ऐनिमेलिया :- बहुकोशीय जन्तु जिसमें प्रकाश संश्लेषण नहीं होता और न ही कोशिका-भित्ति होती है। ये यूकेरियोटिक होते हैं।
मोनेरा का विभाजन बाद में यूबैक्टीरिया तथा आर्कीबैक्टिरिया में किया गया। ’वूज’ ने 6 जगतों को 3 मुख्य वर्गों में (1) डोमेन जीवाणु, (2) डोमेन आर्की (3) डोमेन यूकेरिया
(ख) जंतु विज्ञान:-जूलॉजी / एनिमल बायोलॉजी जीव विज्ञान की एक शाखा है जो जानवरों के साम्राज्य पर वैज्ञानिक अध्ययन करती है। जीव विज्ञान की इस शाखा के तहत मौजूदा या विलुप्त जीवों जैसे शरीर रचना विज्ञान, शरीर रचना विज्ञान, भ्रूणविज्ञान, क्रमिक विकास, पहचान, जैव-वर्गीकरण और पारिस्थितिकी तंत्र में जीवों के योगदान का अध्ययन किया जाता है।
‘बाँटनी’ शब्द की उत्पत्ति ग्रीक भाषा के ‘बास्कीन’ शब्द से हुई है जिसका अर्थ है, ‘चरना’ थियोफ्रेस्ट्स ने 500प्रकार के पौधों का वर्णन अपनी पुस्तक ‘Historia Plantarum ‘में किया है। इन्हें ‘वनस्पति विज्ञान का जनक’ कहा जाता है।
अरस्तु ने अपनी पुस्तक Historia animalium जंतु इतिहास ‘में 500 जंतुओं की रचना, स्वभाव ,वर्गीकरण, जनन आदि का वर्णन किया है। अतः उन्हें ‘ जंतु विज्ञान का जनक ‘ उपमा प्रदान किया जाता है।अरस्तू ने जीवों के समग्र वर्गीकरण की कोशिश की।थियोफ्रेटस ने वनस्पति विज्ञान का विधिवत अध्ययन शुरू किया।डायोक्लीज ने शरीररचना पर प्रथम ज्ञात पुस्तक लिखी।
Biology in Hindi meaning
प्रश्न 01. निम्न में से कौन सी ऐसी ग्रंथियां हैं,जो अंतः स्त्रावी तथा बहि:स्त्रावी दोनों का कार्य करती हैं?
(अ) अग्नाशय
(ब) वृषण
(स) अण्डाश्य
(द) उपरोक्त सभी
उत्तर द
प्रश्न 02. निम्न में से किस ग्रंथि को मास्टर ग्रंथि कहा जाता है?
(अ) पीयूष ग्रंथि
(ब) पीनियल ग्रंथि
(स) अवटु्रंथि
(द) थाइमस ग्रंथि
उत्तर अ
प्रश्न 03. एंटी डाइयूरेटिक हार्मोन का कार्य है?
(अ) वृक्क की वाहिनियों और कोशिकाओं से जल के अवशोषण को नियंत्रित करना
(ब) मनुष्य की लंबाई को नियंत्रित करना
(स) प्रसव के समय गर्भाशय को फैलाना
(द) थायरोक्सिन हार्मोन को नियंत्रित करना
उत्तर अ
प्रश्न 04. मिलैटोनिन हार्मोन का स्त्रावण करती है?
(अ) पीयूष ग्रंथि
(ब) पीनियल ग्रंथि
(स) थायराइड ग्रंथि
(द) हाइपोथैलेमस
उत्तर ब
प्रश्न 05. लाल रक्त कणिकाओं के निर्माण में निम्न में से कौन सी ग्रंथि मदद करती हैं?
(अ) पीयूष ग्रंथि
(ब) हाइपोथैलेमस
(स) पीनियल ग्रंथि
(द) थायराइड ग्रंथि
उत्तर द
प्रश्न 06. टिटेनी रोग होता है?
(अ) पैराथार्मोन हार्मोन की कमी से
(ब) थायरोक्सिन की कमी से
(स) प्रोटीन की अधिकता से
(द) थायरोक्सिन की अधिकता से
उत्तर अ
प्रश्न 07. इंसुलिन का प्रमुख कार्य है?
(अ) ग्लूकोस को ग्लाइकोजन में परिवर्तित करना
(ब) ग्लाइकोजन को ग्लूकोस में परिवर्तित करना
(स) ग्लूकोज को सुक्रोज मे परिवर्तित करना
(द) उपरोक्त में से कोई नहीं
उत्तर अ
प्रश्न 08.3F हार्मोन कहा जाता है?
(अ) एड्रिनल को
(ब) टेस्टोस्टेरोन को
(स) वेसोप्रोसिन को
(द) इनमें से कोई नहीं
उत्तर अ
प्रश्न 09. आयोडीन युक्त हार्मोन थायरोक्सिन है?
(अ) एक शर्करा
(ब) एक अमीनो अमल
(स) एक एस्टर
(द) एक पेप्टाइड
उत्तर ब
प्रश्न10. प्रमुख मानव नर लिंग हार्मोन है?
अ) एस्ट्रोजन
(ब) प्रोजेस्टेरोन
(स) टेस्टोस्टेरोन
(द)अ व ब दोनों
उत्तर स
- स्वपनों के अध्ययन को औनीरोलॉजी कहते हैं।
- मनुष्य के सौंदर्य के अध्ययन को कैलोलॉजी कहते हैं।
- जीवन की उत्पत्ति के समय ऑक्सीजन नहीं था।
- शरीर में सबसे ग्रेड मजबूत तत्व दातों का एनामेल होता है।
- मनुष्य में लिंग निर्धारण पुरुष के क्रोमोसोम पर निर्भर होता है, ना कि स्त्रियों के क्रोमोसोम से।
- सबसे तेज तंत्रिका आवेग 532 किलोमीट/ घंटा होती है।
- मनुष्य के फेफड़े का अंतरिक्ष क्षेत्र क्षेत्रफल 93 वर्ग मीटर होता है, जो कि शरीर के बाहर क्षेत्रफल का 40 गुना होता है।
हड्डियां कंक्रीट जैसी मजबूत और ग्रेनाइट जैसी कठोर होती है। - शरीर के भीतर प्रति सेकंड लगभग 150 लाख कोशिकाएं नष्ट होती है।
- स्त्री के गर्भाशय का भार जिसने कभी संतान जन्म न दिया हो 50 ग्राम का होता है तथा संतान को जन्म देने के बाद इसके गर्भाशय का भार 100 हो जाता है।
- गुर्दे का भार लगभग 140 ग्राम होता है।
- एक बार सांस अंदर लेने में सामान्य वयस्क लगभग 500 मिलीलीटर हवा ले जाता है।
- हृदय में रक्त पंप करने की क्षमता 4.5 लीटर प्रति मिनट होती है।
- छोटी आत लगभग 7 मीटर होती है तथा उसका व्यास 2.5 सेंटीमीटर होता है।
- शरीर के भीतर रक्त परिभ्रमण में लगभग 23 सेकंड का समय लगता है।
- पेनिसिलिन नामक प्रतीजैविक पेनिसिलियम नामक कवक से प्राप्त किया जाता है।
- मनुष्य संसार का सबसे बुद्धिमान होमीनिड है।
- एल्बाट्रांस सबसे बड़ा समुद्री पक्षी है जिसके पंख फैला 10 -12 फीट तक है।
- मनुष्य के शरीर में लगभग 50 लाख बाल होते हैं।
- प्लेसेंटा बनने के आरंभ के समय एच.सी.जी. हार्मोन काफी मात्रा में स्रावित होकर मूत्र में उत्सर्जित होने लगता है।
- बच्चे की ह्रदय की धड़कन वयस्क व्यक्ति से ज्यादा होती है।
- एक बार सांस लेने की क्रिया 5 सेकंड में अर्थात 2 सेकंड के नीस्वसन तथा 3 सेकंड के उच्चस्वसन मे पूरी होती है।
- मनुष्य के शरीर में रुधिर प्रतिदिन लगभग 350 लीटर ऑक्सीजन शरीर की कोशिकाओं तक पहुंचाता है। इसमें 97% ऑक्सीजन हीमोग्लोबिन द्वारा ले जाया जाता है
- कोशिका की खोज सर्वप्रथम राबर्ट हुक द्वारा सन् 1665 में की गई।
- सर्वप्रथम जीवित कोशिका की खोज ल्यू वेनहांक द्वारा की गयी थी।
- संसार की सबसे छोटी कोशिका ‘माइकोप्लाज्मा गैलिसेप्टिकम‘ है।
- मानव शरीर में पाई जाने वाली सबसे बड़ी कोशिका अंडाणु तथा सबसे लंबी कोशिका, तंत्रिका तंत्र की न्यूरान है।
- माइटोकांड्रिया में गोलाकार डीएनए तथा 70 एस राइबोसोम पाया जाता हैं
- टमाटर का लाल रंग लाइकोपेन के कारण होता हैं
- राइबोसोम आर.एन.ए. तथा प्रोटीन से बना होता है, जिस पर कोई आवरण नहीं पाया जाता है।
- राइबोसोम को पैलेड कण भी कहा जाता हैं
- लाइसोसोम को ‘आत्महत्या की थैली‘ या पाचन थैली भी कहा जाता है।
- गाल्जीकॉय को पौधों में डिक्टियोसोम कहा जाता हैं
- केंद्रिका को आर.एन.ए. का भंडारगृह कहा जाता है।
- ग्रेगर जॉन मेंडल को अनुवांशिकी का जनक कहा जाता है।
- मनुष्य में 23 जोड़े अर्थात् 46 गुणसूत्र पाए जाते हैं।
- जेम्स वाट्सन एवं फ्रांसिस क्रिक द्वारा सन् 1953 में डीएनए (DNA) की द्विकुंडलित संरचना प्रस्तुत की गयी।
- जंतु कोशिका में लवक नहीं पाया जाता है।
- समसूत्री विभाजन में गुणसूत्रों की संख्या आधी रह जाती है, इस प्रकार का विभाजन प्रजनन अंगों की कोशिकाओं में पाया जाता है।
- ऊतक शब्द का सर्वप्रथम प्रयोग ‘ विचट‘ द्वारा किया गया था।
- लिगामेंट के माध्यम से अस्थियों को अस्थियां जुड़ी होती हैं।
- टेंडन के माध्यम से मासपेशियां अस्थियों से जुड़ी होती हैं।
- पेशीय ऊतकों की गतिशीलता एवं संकुचनशीलता में एक्टिन तथा मायोसीन नामक प्रोटीन्स की महत्वपूर्ण भूमिका होती है।
- ग्रासनली (इसोफेगस) में क्रमाकुंचन के द्वारा भोजन नीचे की ओर खिसकता है।
- आंत्र रस- माल्टेज, सुक्रेज, लेक्टेज एंजाइम उपस्थित होते हैं।
- पित्त रस यकृत द्वारा स्त्रावित किया जाता है जोकि पित्ताशय में संचित रहता है।
- अग्नाशय रस, अग्नाशयी कोशिकाओं द्वारा स्त्रावित किया जाता है।
- लार में टायलिन तथा लाइसोजाइम पाए जाते हैं।
- यकृत ग्लूकोज को ग्लाइकोजन के रूप में संचित रखता है।
- मानव शरीर की सबसे बड़ी ग्रंथि यकृत है।
- ऑक्सीजन की रक्त में कमी को हायपोक्सिया कहा जाता है।
- रूधिर परिसंचरण की खोज विलियम हार्वे द्वारा की गयी थी।
- हृदय की दोहरी झिल्ली ‘ पेरीकार्डियम‘ से घिरा होता है।
- एक वयस्क का सामान्य रक्तचाप लगभग 120/80 होता है।
- इलेक्ट्रोकार्डियोग्राम हृदय की गतिविध को दर्शाता है।
- आरबीसी(RBC) का जीवन काल लगभग 120 दिनों का होता है।
- डब्ल्यू बी सी (WBC) का जीवन काल लगभग 10-13 दिन का होता है।
- श्वेत रूधिर कणिकाएं (WBC) संक्रमण से शरीर की रक्षा करती हैं।
- रूधिर वर्ग या ब्लड ग्रुप की खोज कार्ल लैंडस्टीनर द्वारा की गयी थी।
- O रूधिर वर्ग को सार्वत्रिक रक्त दाता कहा जाता है।
- AB रूधिर वर्ग को सार्वात्रिक ग्राही कहा जाता है।
- नेफ्रान, किडनी की संरचनात्मक एवं कार्यात्मक इकाई होती है।
- वयस्क मनुष्य में 206 हड्डियां होती हैं।
- विटामिन डी की कमी से रिकेट्स रोग होता है।
- मानव शरीर की सबसे बड़ी अस्थी ‘फीमर‘ जांघ में होती है।
- मानव शरीर की सबसे छोटी अस्थी ‘ स्टेप्स‘ कान में होती है।
- भोजन में आयोड़ीन की कमी से घेंघा रोग होता हैं
- मलेरिया एक प्रोटोजोआ जनित रोग है जोकि प्लाज्मोडियम के कारण होता है, इसकी वाहक मादा एनाफिलिज मच्छर होती हैं
- डेंगू वायरस के कारण होने वाली बीमारी है, इसकी वाहक मादा एडीज एजिप्टी मच्छर होती है।
- मरास्मस प्रोटीन की कमी से होने वाला रोग है।
- चेचक ‘वेरीओला‘ नामक विषाणु के कारण होता है।
- छोटी माता ‘वैरीसेला‘ नामक विषाणु से होती है।
- हैजा का कारण ‘विब्रयो कॉलेरी‘ नामक जीवाणु है।
- टाइफाइड सालमोनेला टाइफी नामक जीवाणु के कारण होता है, इसमें पूरा शरीर धनुष के आकार में तन जाता है।
- प्लेग का कारण ‘ येर्सिनिया पेस्टिस‘ नामक जीवाणु होता है।
- एंटअमीबा हिस्टोलिटिका के कारण पेचिस होता है।
- फाइलेरिया का कारण वुचेरिया ब्रेन्कोफ्राई है।
- वास्तविक अपराधी की पहचान हेतु एवं माता पिता के निर्धारण हेतु डीएनए फिंगर प्रिंटिग तकनीक का प्रयोग किया जाता है।
- भारत में डीएनए फिंगर प्रिटिंग का जनका डॉ. लालजी सिंह थे।
- गोल्डन राइस की किस्म में सर्वाधिक मात्रा में विटामिन ए पाया जाता है।
- ‘सुजाता‘ एवं कल्याण सोना गेहूं की प्रमुख किस्में हैं।
- इमली में टार्टरिक अम्ल पाया जाता है।
- सेब में मैलिक अम्ल पाया जाता है।
- विश्व में सबसे ज्यादा दुग्ध उत्पादन ‘होलस्टीन फ्रीजियन‘ गायों द्वारा किया जाता है।
- दूध का सफेद रंग कैसीन नामक प्रोटीन के कारण होता है।
- खट्टे दूध में लैक्टिक एसिड पाया जाता है।
- गुलाबी क्रांति का संबंध झींगा उत्पादन से है।
- रजत क्रांति का संबंध अंडा उत्पादन में वृद्धि से है।
- नीली क्रांति का संबंध मछली उत्पादन में वृद्धि से है।
- किण्वन की खोज लुई पाश्चर ने की थी।
- कोशिका सिद्धांत का प्रतिपादन श्लाइडेन एवं श्वान ने किया था।
- पेनिसिलिन की खोज को श्रेय अलेक्जेंडर फ्लेमिंग को जाता है।
- चेचक का टीका एडवर्ड जेनर द्वारा खोजा गया ।
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