छत्तीसगढ़ी गद्य साहित्य का विकास
- भाषा के विकास में गद्य साहित्य की अहम भूमिका होती है साहित्यकारों ने इस काल में गद्य साहित्य सृजन किया है
- छत्तीसगढ़ी का प्रथम उपन्यास हीरु के कहनी हैं जो पंडित बंशीधर पांडे ने लिखा था।
- पंडित लोचन प्रसाद पांडे छत्तीसगढ़ी गद्य लेखन परंपरा के संस्थापक माने जाते हैं।
- पंडित लोचन प्रसाद पांडे लिखित कलिकाल 1905 से छत्तीसगढ़ी नाटक की शुरुआत मानी जाती है।
- छत्तीसगढ़ी में पत्रकारिता छत्तीसगढ़ी पत्रकारिता का प्रारंभ मुक्तिबोध द्वारा संपादित छत्तीसगढ़ी मासिक से हुआ था जिसके 1955 में 12 अंक प्रकाशित हुए।
- कुंज बिहारी चौबे अंग्रेजी राज के विरुद्ध विरोध कविता लिखने वाले प्रथम छत्तीसगढ़ी कवि थे।
- नारायण लाल परमार ने छत्तीसगढ़ी और हिंदी दोनों में उत्कृष्ट रचनाएं रची।
- डॉक्टर हनुमंत नायडू राजदीप ने प्रथम छत्तीसगढ़ी फिल्म कहि देबे संदेश के गीत लिखा।
- जय छत्तीसगढ़ी और छत्तीसगढ़ गीत अउ कविता संग्रह श्री हरि ठाकुर ने लिखा उन्होंने छत्तीसगढ़ी फिल्म घर द्वार के लिए भी गीत लिखा।
- डॉ विनय कुमार पाठक सन 1724 के कल छोरियों के लोग के अंतिम नरेश राजा अमर सिंह के आरंग शिलालेख को छत्तीसगढ़ी गद्द का सर्वप्रथम स्वरूप निर्दिष्ट करते हैं।
- उपन्यास विधा में पंडित बंशीधर पांडे की हीरो के कहने शिव शंकर शुक्ल की दियना के अंजोर लखन लाल गुप्त की चंदा अमरित बरसाइस, केयूर भूषण की कूल के मरजाद, कृष्ण कुमार शर्मा की छेरछेरा उल्लेखनीय कृतियां हैं।
- छत्तीसगढ़ी कहानी के क्षेत्र में कपिल नाथ कश्यप श्यामलाल चतुर्वेदी नारायण लाल परमार डॉ पालेश्वर शर्मा नरेंद्र देव वर्मा उल्लेखनीय नाम है।
- छत्तीसगढ़ी नाटक के क्षेत्र में खूबचंद बघेल टिकेंद्र टिकरिहा राम गोपाल कश्यप मेहतर राम साहू नरेंद्र देव वर्मा विश्वेंद्र ठाकुर सुकलाल पांडे कपिल नाथ कश्यप उल्लेखनीय है।
- छत्तीसगढ़ी व्यंग के क्षेत्र में रामेश्वर वैष्णव सुशील यदु जयप्रकाश मानस उल्लेखनीय हैं।
- नई पीढ़ी के रचनाकारों में जीवन यदु डॉ राजेंद्र सोनी ,नारायण बरेठ, रामप्रसाद कोसरिया, हफीज कुरैशी तीरथ राम गढ़वाल ,शिव कुमार यदु, चेतन भारती, शत्रुघन सिंह राजपूत, मिथिलेश शर्मा, राजेश चौहान रमेश विश्व हार, परमेश्वर वैष्णव, संतराम साहू, मुरारी लाल साव, देवधर महंत, सीताराम साहू, उमाशंकर देवांगन, पुनाराम साहू ,रमाकांत सोनी, भरत लाल नायक, रुपेश तिवारी, राजेश तिवारी आदि शामिल है।
गद्य साहित्य की विशेष बातें
- पंडित सुंदरलाल शर्मा ने सर्वप्रथम छत्तीसगढ़ी में प्रबंध काव्य लिखने की परंपरा विकसित की प्रथम छत्तीसगढ़ी प्रबंध काव्य ग्रंथ छत्तीसगढ़ी दानलीला है इसके रचनाकार सुंदरलाल शर्मा हैं।
- छत्तीसगढ़ी में गद्य लेखन की परंपरा का शुभारंभ पंडित लोचन प्रसाद पांडे ने किया।
- प्रथम छत्तीसगढ़ी उपन्यास हीरु के कहिनी मानी जाती है।
- प्रथम छत्तीसगढ़ी कहानी सुरही गइया है।
- प्रथम छत्तीसगढ़ी व्याकरण सन 1880 में काव्योपाध्याय हीरालाल ने लिखा।
- छत्तीसगढ़ी में नाटक की शुरुआत पंडित लोचन प्रसाद पांडे के कलीकाल से मानी जाती है।
- छत्तीसगढ़ी में व्यंग्य लेखन का प्रारंभ शरद कोठारी की रचनाओं से माना जाता है।
- छत्तीसगढ़ी की प्रथम समीक्षात्मक रचना डॉ विनय कुमार पाठक की साहित्य अऊ साहित्यकार है।
- रतनपुर के गोपाल मिश्र हिंदी काव्य परंपरा की दृष्टि से छत्तीसगढ़ के वाल्मीकि है।
- लाला जगदलपुरी हल्बी लोक कथाओं का प्रथम संग्रह लिखा हिंदी वह हल्बी में समान अधिकार से लेखन।