History of Indus Civilization in Hindi सिंधु सभ्यता भारतीय इतिहास की सबसे प्राचीन सभ्यता में से एक है क्योंकि भारतीय इतिहास का विकास सिंधु सभ्यता के कारण ही हुआ है सिंधु सभ्यता के और भी महत्वपूर्ण नाम है सिंधु घाटी सभ्यता बहुविकल्पीय प्रश्न PDF और वह है हड़प्पा सभ्यता आज हम अपने इस पोस्ट में सिंधु सभ्यता के इतिहास की पूरी जानकारी देंगे यह जानकारी ऐसे अभ्यर्थी के लिए महत्वपूर्ण है।

जोकि महत्वपूर्ण हड़प्पा सभ्यता इतिहास क्या है प्रतियोगिता परीक्षा जैसे यूपीएससी ,कर्मचारी चयन आयोग परीक्षा ,रेलवे भर्ती परीक्षा ,व्यवसायिक परीक्षा मंडल परीक्षा पटवारी परीक्षा ,सब इंस्पेक्टर परीक्षा इत्यादि परीक्षाओं में सिंधु सभ्यता के इतिहास का प्रश्न उत्तर पूछे जाते हैं इस कारण से यह बहुत ही महत्वपूर्ण हैं प्रतियोगी परीक्षाओं को ध्यान में रखते हुए ही इस पोस्ट को अच्छी तरीके से तैयार किया गया है ताकि सिंधु घाटी सभ्यता से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी अभ्यर्थी को मिल सके।
सिंधु सभ्यता का इतिहास हिंदी में – history of indus civilization in hindi
- रेडियो कार्बन C14 जैसी नवीन विशेषण पद्धति के द्वारा सिंधु सभ्यता की सर्वमान्य तिथि 2400ई०पू० से 1700ई०पू० पूर्व मानी गई है।
- सिंधु सभ्यता की खोज राय बहादुर दयाराम साहनी ने की।
- सिंधु सभ्यता को प्रागैतिहासिक अथवा कांस्य युग में रखा जा सकता है। इस सभ्यता के मुख्य निवासी द्रविड़ एवं भूमध्य सागरी थे।
- सिंधु सभ्यता के सर्वाधिक पश्चिमी पुरास्थल दासक नदी के किनारे स्थित सूतकागेंडोर( बलूचिस्तान), पूर्वी पुरास्थल हिंडन नदी के किनारे गोदावरी नदी के तट पर आलमगीरपुर( जिला मेरठ, उत्तर प्रदेश), उत्तरीपुरा स्थल चिनाव नदी के तट पर अखनूर के निकट मॉदा (जम्मू-कश्मीर) तथा दक्षिणी पुरास्थल दायमाबाद ( जिला अहमदनगर, महाराष्ट्र)।
- सिंधु सभ्यता या सैंधव सभ्यता नगरीय सभ्यता थी।
सिंधु काल में विदेशी व्यापार आयातित वस्तुएं
आयातित वस्तुएं | प्रदेश |
तांबा | खेतड़ी, बलूचिस्तान, ओमान |
चांदी | अफगानिस्तान, ईरान |
सोना | कर्नाटक अफगानिस्तान ईरान |
टिन | अफगानिस्तान, ईरान |
गोमेद | सौराष्ट्र |
लाजवर्त | मेसोपोटामिया |
सीसा | ईरान |
- सैंधव सभ्यता से प्राप्त परिपक्व अवस्था वाले स्थलों में केवल 6 को ही बड़े नगर की संज्ञा दी गई है, यह है:- मोहनजोदड़ो हड़प्पा, गणवारिवाला, धौलावीरा, राखीगढ़ी एवं कालीबंगन।
- स्वतंत्रता प्राप्ति के पश्चात हड़प्पा संस्कृति के सर्वाधिक स्थल गुजरात में खोजे गए हैं।
- लोथल एवं सुतकोतदा -सिंधु सभ्यता का बंदरगाह था।
- जूते हुए खेत और नक्काशीदार ईटों के प्रयोग का साक्ष्य कालीबंगन से प्राप्त हुआ है।
- मोहनजोदड़ो से प्राप्त अन्नागार संभवत सिंधु सभ्यता की सबसे बड़ी इमारत है।
- मोहनजोदड़ो से प्राप्त वृहत स्नानागार एक प्रमुख स्मारक है, जिसके मध्य स्थित स्नान कुंड 11 दशमलव 88 मीटर लंबा 7.01 मीटर चौड़ा एवं 2.43 मीटर गहरा है।
- अग्निकुंड लोथल एवं कालीबंगन से प्राप्त हुई है।
- मोहनजोदड़ो से प्राप्त एक सील पर तीन मुख वाले देवता (पशुपति नाथ) की मूर्ति मिली हैं । उनके चारों ओर हाथी, गैंडा, चीता एवं भैंसा विराजमान है।
- मोहनजोदड़ो से नतरकी की एक कांस्य मूर्ति से मिली है।
- हड़प्पा की मोहरो पर सबसे अधिक एक श्रृंगी पशु का अंकन मिलता है।
- मनके बनाने के कारखाने लोथल एवं चन्हूदड़ो में मिले हैं।
- सिंधु सभ्यता की लिपि भाव चित्रात्मक है। यह लिपि दाई से बाई ओर लिखी जाती थी। जब अभिलेख एक से अधिक पंक्तियों का होता था तो पहली पंक्ति दाई से बाई और दूसरी बाएं से दाएं और लिखी जाती थी।
- सिंधु सभ्यता के लोगों ने नगरों तथा घरों के विन्यास के लिए ग्रीड पद्धति अपनाई।
- घरों के दरवाजे और खिड़कियां सड़क की ओर न खुलकर पिछवाड़े की ओर खुलते थे।
- केवल लोथल नगर के घरों के दरवाजे मुख्य सड़क की ओर खुलते थे।
- सिंधु सभ्यता की मुख्य फसल थी गेहूं और जौ।
- सेंधव वासी मिठास के लिए शहद का प्रयोग करते थे।
- रंगपुर एवं लोथल से चावल के दाने मिले , जिनसे धान की खेती होने का प्रमाण मिलता है।
- चावल के प्रथम साक्ष्य लोथल से ही प्राप्त हुए हैं।
- सुरकोतदा, कालीबंगन एवं लोथल से सेंधवकालीन घोड़े के अस्थिपंजर मिले हैं।
- तौल की इकाई संभवतः 16 के अनुपात में थी।
- सेंधव सभ्यता के लोग यातायात के लिए दो पहियों एवं चार पहियों वाली बैलगाड़ी का भैंसागाड़ी का उपयोग करते थे।
- मेसोपोटामिया के अभिलेखों में वर्णित मेलूहा शब्द का अभिप्राय सिंधु सभ्यता से ही है।
- संभवतः हड़प्पा संस्कृति का शासन वणिक वर्ग के हाथों में था।
- पिग्गट ने हड़प्पा एवं मोहनजोदड़ो को एक विशेषण राज्य की जुड़वा राजधानी कहां है
- सिंधु सभ्यता के लोग धरती को उर्वरता की देवी मानकर उसकी पूजा किया करते थे।
- वृक्ष -पूजा एवं शिव- पूजा के प्रचलन के साक्षी भी सिंधु सभ्यता से मिलते हैं।
- स्वास्तिक चिन्ह संभवतः हड़प्पा सभ्यता की देन है। इस चिन्ह से सहयोग पासना का अनुमान लगाया जाता है। सिंधु घाटी के नगरों में किसी भी मंदिर, के अवशेष नहीं मिले हैं।
- सिंधु सभ्यता में मातृदेवी की उपासना सर्वाधिक प्रचलित थी।
- पशुओं में कूबड़ वाला सांड, इस सभ्यता के लोगों के लिए विशेष पूजनीय था।
- स्त्री मृण मूर्तियां (मिट्टी की मूर्तियां) अधिक मिलने से ऐसा अनुमान लगाया जाता है कि सेंधव समाज मातृसत्तात्मक था।
- सेंधववासी सूती एवं ऊनी वस्तुओं का प्रयोग करते थे।
- मनोरंजन के लिए सेंधवा सी मछली पकड़ना, शिकार करने का में पशु पक्षियों को आपस में लड़ाना, चौपट और पाशा खेलना आदि शब्दों का प्रयोग करते थे।
- सिंधु सभ्यता के लोग काले रंग से डिजाइन किए हुए लाल मिट्टी के बर्तन बनाते थे।
- कालीबंगा एकमात्र हड़प्पा कालीन स्थल था, जिसका निचला शहर (सामान्य लोगों के रहने हेतु) भी किले से घिरा हुआ था। कालीबंगन का अर्थ है काली चूड़ियां। यहां से पूर्व हड़प्पा स्तरों के खेत जोते जाने के और अग्नि पूजा की प्रथा के प्रमाण मिले हैं।
- पर्दा प्रथा एवं वेश्यावृत्ति सेंधव सभ्यता में प्रचलित थी।
- शवों को जलाने एवं गाने यानी दोनों कथाएं प्रचलित थी। हड़प्पा में शव को दफनाने जबकि मोहनजोदड़ो में जलाने की प्रथा विद्यमान थी। लोथल एवं कालीबंगा में युद्ध समाधिया मिली है।
- सेंधव सभ्यता के विनाश का संभवत सबसे प्रभावी कारण बाढ़ था।
- आग में पक्की हुई मिट्टी को टेराकोटा कहा जाता है।
सिंधु सभ्यता के प्रमुख स्थल नदी उत्खननकर्ता एवं वर्तमान स्थिति
प्रमुख स्थल | नदी | उत्खननकर्ता | वर्ष | स्थिति |
हड़प्पा | रावी | दयाराम साहनी एवं माधव स्वरूप वत्स | 1921 | पाकिस्तान का मोंटगोमरी जिला |
मोहनजोदड़ो | सिंधु | राखलदास बनर्जी | 1922 | पाकिस्तान के सिंध प्रांत का लरकाना जिला |
चन्हूदड़ो | सिंधु | गोपाल मजूमदार | 1931 | सिंध प्रांत (पाकिस्तान) |
कालीबंगन | घग्घर | बी.बी. लाल एवं बी. के. थापर | 1953 | राजस्थान का हनुमानगढ़ जिला |
कोटदीजी | सिंधु | फजल अहमद | 1953 | सिंध प्रांत का खैरपुर स्थान |
रंगपुर | मादर | रंगनाथ राव | 1953_ 54 | गुजरात का काठियावाड़ जिला |
रोपड़ | सतलज | यज्ञदत्त शर्मा | 1953 _56 | पंजाब का रोपड़ जिला |
लोथल | भोगवा | रंगनाथ राव | 1955–1962 | गुजरात काअहमदाबाद जिला |
आलमगीरपुर | हिंडन | यज्ञदत्त शर्मा | 1958 | उत्तरप्रदेश का मेरठ जिला |
सुतकांगेडोर | दाश्क | ऑरेज स्टाइल , जॉर्ज डेल्स | 1927-1962 | पाकिस्तान के मकरान में समुद्र तट के किनारे |
बनमाली | रंगोई | रविंद्र सिंह विष्ट | 1974 | हरियाणा का हिसार जिला |
सिंधु सभ्यता का इतिहास – history of indus civilization in hindi
इसे भी पढ़े > लेटेस्ट करंट अफेयर्स 10 दिसंबर 2020 – Latest Current Affairs 10 december 2020
इसे भी पढ़े > खेल सामान्य ज्ञान हिंदी में – sports general knowledge in hindi
सिंधु सभ्यता का इतिहास – history of indus civilization in hindi के आलावा लेटेस्ट सरकारी नौकरी इस तरह से है
इसे भी पढ़े > भारत के प्रधानमंत्री की सूची – List of Prime Minister of India
इसे भी पढ़े > कंप्यूटर के महत्वपूर्ण प्रश्न उत्तर -Computer Important Questions and Answers
इसे भी पढ़े >भौतिक विज्ञान के प्रश्न उत्तर – Physics questions answers
हमारे सोशल मीडिया में ज्वाइन होकर जानकारी पाएं :
current gk quiz में प्रतिदिन प्रकाशित की जाने वाली पोस्ट
करंट जीके क्वीज(currentgkuiz.in) पोर्टल में प्रतिदिन पुरे भारत की प्रकाशित होने वाली अलग अलग राज्यों, जिलों की रोजगार (JOB), सरकारी नौकरी , सामान्य ज्ञान, ताजा करंट अफेयर्स , भारतीय इतिहास ,भूगोल,विज्ञान,गणित,रेलवे,यूपीएससी,कर्मचारी चयन आयोग आदि भर्ती परीक्षा आदि में पूछे जाने वाले में से संबंधित सभी प्रकार की जानकारी जो सभी प्रकार के प्रतियोगी परीक्षाओं में पूछे जाते हैं वह आपको इस पोस्ट के अंदर जानकारी मिल जाएगी यह पोस्ट पोर्टल जॉब और जीके से संबंधित है जिसमें आपको सभी प्रकार के जॉब और जीके की जानकारी प्रतिदिन मिलती रहेगी।