
विश्व की प्रमुख ऐतिहासिक क्रांति
- शानदार क्रांति( 1668) :- यह क्रांति सन 1668 ईस्वी में इंग्लैंड में हुई जिसे रक्तहीन क्रांति के नाम से भी जाना जाता है इस क्रांति के पश्चात है इंग्लैंड में पार्लियामेंट की सर्वोच्चता को बल मिला जिससे वहां संवैधानिक राजतंत्र स्थापित हुआ
- अमेरिकी क्रांति :- 1776 से 83 ईसवी तक अमेरिका में बसे लोगों ने जॉर्ज वाशिंगटन के नेतृत्व में ब्रिटिश साम्राज्य की सर्वोच्चता के खिलाफ संघर्ष किया 4 जुलाई को 1776 को अमेरिका के 13 उपनिवेशों ने स्वतंत्रता की घोषणा कर दी 1783 ईस्वी में इंग्लैंड ने अमेरिकी स्वतंत्रता को मान्यता प्रदान कर दी
- फ्रांसीसी क्रांति :- (1789) यह क्रांति 1789 ईस्वी में हुई जिसमें स्वतंत्रता समानता और bhaतृत्व की प्रति जोड़ दिया गया क्रांतिकारियों ने राजा लुइ 16 वे और उसकी रानी को मार डाला नेपोलियन फ्रांस का तानाशाह बना विश्व इतिहास में फ्रांसीसी क्रांति बहुत अधिक महत्व रखता है इस क्रांति के फलस्वरूप विश्व में प्रजातांत्रिक सिद्धांतों का प्रचार प्रसार हुआ
- रूसी क्रांति 1917 ईस्वी रूसी :- क्रांति को बोल्शेविक क्रांति के नाम से भी जाना जाता है यह क्रांति 1917 ईस्वी में हुई जिसका नेतृत्व लेनिन ने किया इस क्रांति से पूर्व रूस की दशा अत्यंत खराब थी जार की तानाशाही से वहां की जनता परेशान थी श्रमिकों की सोवियत काउंसिल जार के विरुद्ध विद्रोह के लिए खड़ी हो उठी थी इस समय सेना ने भी विद्रोहियों का साथ दिया जिस कारण जारको तख्त छोड़ने हेतु मजबूर होना पड़ा देश पर बोल्शेविक दल की सत्ता स्थापित हुई और लेनिन को समाजवादी रूस के प्रथम प्रधानमंत्री बनने का गौरव प्राप्त हुआ हुआ
- चीन की लाल क्रांति 1949 ईस्वी :- चीन की लाल क्रांति 1949 ईस्वी में माओ त्से तुंग के नेतृत्व में साम्यवादी क्रांति के रूप में हुई जिसके परिणाम स्वरूप च्यांग कई शेक के शासन का अंत हो गया और चीन में साम्यवादी शासन का उदय हुआ
- मानवीय अधिकारों का चार्टर 1948 ईस्वी :- संयुक्त राष्ट्र संघ की साधारण सभा ने सन 1948 ईस्वी में मानवीय अधिकारों के चाणक्य की घोषणा की इस घोषणा में मानव अधिकारों के प्रति विशेष ध्यान दिया गया
भारतीय स्वतंत्रता संग्राम की महत्वपूर्ण घटनाए
घटनाएं | वर्ष |
भारत का प्रथम स्वतंत्रता संग्राम तथा सैनिक विद्रोह | 1857 |
ईस्ट इंडिया कंपनी का शासन का अंत | 1858 |
इंडियन काउंसलिंग एक्ट | 1861 |
प्रार्थना समाज की स्थापना | 1867 |
थियोसोफिकल सोसायटी की स्थापना | 1875 |
आर्य समाज की स्थापना | 1875 |
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना | 1885 |
बंगाल विभाजन | 1905 |
मुस्लिम लीग की स्थापना | 1906 |
मार्ले मिंटो सुधार | 1908 |
प्रथम विश्वयुद्ध | 1914 – 1919 |
कांग्रेश मुस्लिम लीग समझौता | 1916 |
होमरूल लीग की स्थापना | 1916 |
रौलट एक्ट | 1919 |
असहयोग आंदोलन | 1920-22 |
मार्ले मिंटो सुधार | 1909 |
मोंटेग्यू चेम्सफोर्ड सुधार | 1919 |
जलियांवाला बाग हत्याकांड | 1919 |
खिलाफत आंदोलन | 1919 |
असहयोग आंदोलन | 1920-22 |
साइमन कमीशन की नियुक्ति | 1927 |
सविनय अवज्ञा आंदोलन | 1930 |
भारत छोड़ो आंदोलन | 1942 |
भारत छोड़ो आंदोलन | 1943 |
- पहला अंग्रेज विरोधी संघर्ष सन्यासियों के द्वारा शुरू किया गया सन्यासी विद्रोह का उल्लेख बंकिम चंद्र चटर्जी के उपन्यास आनंदमठ में किया गया है
- 1887 ईस्वी में दादा भाई नौरोजी ने इंग्लैंड में भारतीय सुधार समिति की स्थापना की
- बंगाल विभाजन 16 अक्टूबर 1905 को प्रभावी हुआ इस दिन पूरे बंगाल में शोक दिवस मनाया गया स्वदेशी आंदोलन में वंदे मातरम विभाजन नहीं चाहिए एवं बंगाल एक है आदि नारे लगाए गए
- 1906 में कोलकाता में हुए कांग्रेस के अधिवेशन की अध्यक्षता करते हुए दादा भाई नौरोजी ने पहली बार स्वराज्य की मांग प्रस्तुत की
- स्वदेशी आंदोलन चलाने के तरीके को लेकर ही कॉन्ग्रेस 1907 ईस्वी के सूरत अधिवेशन में उग्रवादी गरम दल एवं उदारवादी नरम दल दो दलों में विभाजित हो गई इस सम्मेलन की अध्यक्षता रासबिहारी बोस ने की थी
- स्वदेशी आंदोलन के अवसर पर ही रवींद्रनाथ ठाकुर ने अपना प्रसिद्ध गीत आमार सोनार बांग्ला लिखा बाद में यही गीत बांग्लादेश का राष्ट्रीय गीत बना
- मोहम्मद अली को सर्वप्रथम असहयोग आंदोलन में गिरफ्तार किया गया मोहम्मद अली जिन्ना एनी बेसेंट तथा बिपिन चंद्र पाल कांग्रेश के असहयोग आंदोलन से सहमत नहीं थे अतः उन्होंने कांग्रेस छोड़ दी
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