फिरोज तुगलक ब्राह्मणों पर जजिया लागू करने वाला पहला मुसलमान शासक था फिरोज तुगलक ने एक नया कर सिंचाई कर भी लगाया जो उपज का 1 बटा 10 भाग था
सुल्तान फिरोज तुगलक ने अनाथ मुस्लिम महिलाओं विधवाओं और लड़कियों की सहायता के लिए एक नए विभाग दीवाने खैरात की स्थापना की फिरोजशाह तुगलक ने दिल्ली में कोटला फिरोजशाह दुर्ग का निर्माण करवाया।
1504 ईसवी में सिकंदर लोदी ने आगरा शहर की स्थापना की भूमि के लिए मापन के प्रमाणिक पैमाना गजे सिकंदरी का प्रचलन सिकंदर लोदी ने किया गुलरूखी शीर्षक से फारसी कविताएं लिखने वाला सुल्तान सिकंदर लोदी था।
सिकंदर लोदी ने आगरा को अपनी राजधानी बनाया इसके आदेश पर संस्कृत के 1 आयुर्वेद ग्रंथ का फारसी में फरहान दे सिकंदरी के नाम से अनुवाद हुआ इसने नगरकोट के ज्वालामुखी मंदिर की मूर्ति को तोड़कर उसके टुकड़ों को कसाई यों को मांस तोलने के लिए दे दिया था इससे मुसलमानों को ताजिया निकालने एवं मुसलमान स्त्रियों के पैरों तथा संतों के मजार पर जाने पर प्रतिबंध लगा दिया था।
सिकंदर लोदी के मृत्यु के बाद इसका पुत्र इब्राहिम इब्राहिम शाह की उपाधि से आगरा के सिंहासन पर बैठा 21 अप्रैल 1526 ईस्वी को पानीपत के प्रथम युद्ध में इब्राहिम लोदी बाबर से हार गया इस युद्ध में वह मारा गया सुल्तान की स्थाई सेना को खास खेल का नाम दिया गया था।
सल्तनत काल में गोला फेंकने वाली मशीन को मंगलिक कहा जाता था सल्तनत काल में लगान निर्धारित करने की मिश्रित प्रणाली को मुक्ताई कहा गया है भूमि के नाम जो करने के बाद क्षेत्रफल के आधार पर लगान का निर्धारण मसावत कहलाता था इसकी शुरुआत अलाउद्दीन ने की पूर्णता केंद्र के नियंत्रण में रहने वाली भूमि खालसा भूमि कहलाती थी।
अलाउद्दीन ने दान दी गई अधिकांश भूमि को छीन कर खालसा भूमि में परिवर्तित कर दिया विजयनगर की मुद्रा पर पैगोडा तथा बहमनी राज्य की मुद्रा हु ना थी चौसा का युद्ध 25 जून 15 39 ईस्वी में शेरखान एवं हुमायूं के बीच हुआ।
इस युद्ध में शेरखान विजई रहा इस युद्ध के बाद शेर खान ने शेर शाह की पदवी ग्रहण कर ली 1 जनवरी 1556 ईस्वी को दिनपनाह भवन में स्थित पुस्तकालय की सीढ़ियों से गिरने के कारण हुमायूं की मृत्यु हो गई हुमायूंनामा की रचना गुलबदन बेगम ने की थी राजस्व प्राप्ति की जब्ती प्रणाली अकबर के शासन काल में प्रचलित थी।
अकबर के दीवान राजा टोडरमल ने 1580 ईस्वी में दहसाला बंदोबस्त व्यवस्था लागू की अकबर के दरबार का प्रसिद्ध संगीतकार तानसेन था अकबर के दरबार का प्रसिद्ध चित्रकार अब्दुल समद था अकबर ने जैन धर्म के जैन आचार्य हरी विजय सूरी को जगतगुरु की उपाधि प्रदान की थी।
अकबर के समकालीन प्रसिद्ध सूफी संत शेख सलीम चिश्ती थे अबुल फजल ने अकबरनामा ग्रंथ की रचना की वह दिन ए इलाही धर्म का मुख्य पुरोहित था
अकबर ने बीरबल को कवि प्रिय एवं नरहरी को महापात्र की उपाधि प्रदान की।
नूरजहां ईरान निवासी मिर्जा गयास बेग की पुत्री नूरजहां का वास्तविक नाम मेहरून्निसा था 1594 ईस्वी में नूरजहां का विवाह अली कुली बेक से संपन्न हुआ नूरजहां की मां अस्मत बेगम ने गुलाब से इत्र निकालने की विधि खोजी थी।
मुगल चित्रकला अपने चरमोत्कर्ष पर जहांगीर के शासनकाल में पहुंची जहांगीर के समय को चित्रकला का स्वर्ण काल कहा जाता है जहांगीर के समय जहांगीर का मकबरा का निर्माण नूरजहां ने करवाया था जहांगीर के शासनकाल में कैप्टन हॉकिंस सर टॉमस रो विलियम फिंच एवं एडवर्ड डायरी जैसे यूरोपीय यात्री आए थे।
शाहजहां के दरबार के प्रमुख चित्रकार मोहम्मद फकीर एवं मीर हाशिम थे शाहजहां ने संगीतज्ञ लाल खान को गुन समंदर की उपाधि दी थी शाहजहां ने 1638 ईस्वी में अपनी राजधानी को आगरा से दिल्ली लाने के लिए यमुना नदी के दाहिने तट पर शाहजहानाबाद की नीव डाली।
शाहजहां के शासनकाल को स्थापत्य कला का स्वर्ण युग कहा जाता है शाहजहां द्वारा बनाई गई प्रमुख इमारतें हैं दिल्ली का लाल किला दीवाने आम दीवाने खास दिल्ली जामा मस्जिद आगरा मोती मस्जिद ताजमहल आदि।
अपनी बेगम मुमताज महल की याद में शाहजहां ने ताजमहल का निर्माण आगरा में उसी की कब्र के ऊपर करवाया उस्ताद ईशा नए ताजमहल की रूपरेखा तैयार की थी ताजमहल का निर्माण करने वाला मुख्य स्थापत्य कलाकार उस्ताद अहमद लाहौरी था शाहजहां ने आसिफ खान को वजीर पद एवं महावत खान को खानखाना की उपाधि प्रदान की।